hi:grammar:mood

This translation is older than the original page and might be outdated. See what has changed.

This is an old revision of the document!


वृत्ति (Mood )

मनोविज्ञान के सन्दर्भ में, भावदशा या मनःस्थिति (mood) संवेग (emotions) और अनुभूति (feelings) से अलग है। भावदशा किसी घटना या उद्दीपक से कम प्रभावित होती है और उसमें स्थायित्व होता है। मनोदशा का वर्णन प्रायः दो रूपों में किया जाता है- सकारात्मक मनोदशा और नकारात्मक मनोदशा। इसे लोग 'अच्छी मनःस्थिति' और खराब मनःस्थिति भी कहते हैं।

इसे क्रियार्थ भी कहते हैं। क्रिया का वह रूप जो वक्ता या लेखक की मनोवृति या प्रयोजन की ओर संकेत करता है वृत्ति कहलाता है।

वृत्ति में क्रिया, काल से निरपेक्ष होती है।

इसका शाब्दिक अर्थ क्रिया का अर्थ (प्रयोजन) है। वृत्ति के 6 प्रकार होते हैं।

इसमें आज्ञा दी जाती है (प्रार्थना, निर्देश, आदेश, उपदेश) उदाहरण:

  1. सदा सत्य बोलो।
  2. हे प्रभु! मेरे अपराध क्षमा करो।
  3. हे सरस्वती मुझे पढ़ने की बुद्धि दो
मेरा आदेश हैं कि तुम पढ़ो
मेरी आज्ञा हैं कि तुम पढ़ो
मेरा अनुरोध हैं कि तुम पढ़ो
मेरा निवेदन हैं कि तुम पढ़ो

जब इच्छा, कामना, आशीर्वाद इत्यादि का प्रयोजन हो। उदाहरण:

  1. ईश्वर सबका भला करे।
मेरी इच्छा हैं कि तुम पढ़ो
मेरी तमन्ना हैं कि तुम पढ़ो

जब संदेह/संभावना की स्थिति बनी रहती है। उदाहरण:

  1. संभवत मैं कल ना आऊं।
  2. संभवत मैं कल ना पढूं
मैंने पढ़ने का सोचा
मैं आशा करता हूँ कि तुम पढ़ोगे

क्रिया के जिस रुप से सत्य या असत्य की जांच की जा सकती हो अर्थात क्रिया सूचना प्रदान हो। उदाहरण:

  1. मुझे कल मुंबई जाना पड़ेगा।
  2. सीता ने पुस्तक पढ़ ली है।
मैं शपथ लेता हूँ कि तुम्हें पढ़ाकर रहूँगा
मैं घोषणा करता हूँ कि तुम लोगों को यह पढ़ना पढ़ेगा

जब क्रिया से वक्ता के मन की जिज्ञासा या शंका का बोध होता हो, तथा वक्ता निर्णय लेने के लिए प्रश्न कर देता है।

उदाहरण:

  1. अब मैं क्या करूं?
  2. अब मैं क्या पढूं ?

जब क्रिया की सिद्धि के लिए वक्ता शर्त को पूरा होना आवश्यक समझता है अर्थात एक क्रिया दूसरी क्रिया के लिए शर्त का कार्य करती हो। उदाहरण:

  1. यदि तुम पढ़ोगे तो सफल हो जाओगे।
Enter your comment:
V Z G X M
 

This topic does not exist yet

You've followed a link to a topic that doesn't exist yet. If permissions allow, you may create it by clicking on Create this page.

  • hi/grammar/mood.1653804693.txt.gz
  • 2022/05/29 06:11
  • brahmantra